Tuesday, September 30, 2008

दिन ढल जाए...

Framed Sun

दिन ढल जाए हाय , रात ना जाय
तू तो आए तेरी , याद सताए ,
दिन ढल जाए ...
प्यार में जिनके , सब जग छोडा , और हुए बदनाम
उनके ही हाथों , हाल हुआ ये , बैठें दिल को थाम
अपने कभी थे , अब हैं पराये
दिन ढल जाए हाय ...

ऎसी ही रिम -झिम , ऎसी फुवारें , ऎसी ही थी बरसात
ख़ुद से जुदा और , जग से पराये , हम दोनों थे साथ
फिर से वो सावन , अब क्यूँ न आए
दिन ढल जाए हाय ...

दिल के मेरे तुम , पास हो कितनी , फिर भी हो कितनी दूर
तुम मुझ से मैं , दिल से परेशान , दोनों हैं मजबूर
ऐसे में किसको , कौन मनाये
दिन ढल जाए हाय ..


One of my fav songs.
Was just missing a few close people over the past couple of days.
Wish they were around.


3 comments:

I am said...

opps total contrast to what I have been listening all day...

but this is a nice song...

~mE said...

i am around ok..:D
i cant read that hindi..looks like ants on my screen

Kshitiz Anand said...

:) yea nice song Tanu.

Thanks Sharanya. That's comforting indeed :)