Wednesday, March 18, 2009

Ghungroo

Ghungroo

मोहे आई ना जग से लाज
मैं इतना ज़ोर से नाची आज, की घुँगरू टूट गये
मोहे आई ना जग से लाज
मैं इतना ज़ोर से नाची आज, की घुँगरू टूट गये
की घुँगरू टूट गये, की घुँगरू टूट गये, की घुँगरू टूट गये

कुछ मुझ पे नया जोबन भी था
कुछ प्यार का पागलपन भी था
एक पलक मेरी तीर बनी
एक ज़ुल्फ मेरी ज़ंज़ीर बनी
लिया दिल साजन का जीत
लिया दिल साजन का जीत
वो छेड़े पायलिया ने गीत
की घुँगरू टूट गये, की घुँगरू टूट गये, की घुँगरू टूट गये,
की घुँगरू टूट गये

मैं बसी थी जिसके सपनों में
वो गिनेगा औब मुझे अपनों में
कहती है मेरी हर उंगदाई
मैं पिया की नींद चुरा लाई
मैं बन के गयी थी चोर
मैं बन के गयी थी चोर
की मेरी पायल थी कमज़ोर
की घुँगरू टूट गये, की घुँगरू टूट गये, की घुँगरू टूट गये,
की घुँगरू टूट गये

धरती पे ना मेरे पैर लगे
बिन पिया मुझे सूब गैर लगे
मुझे अंग मिले अरमानों के
मुझे पंख मिले परवनों के
जुब मिला पिया का गाओं
जुब मिला पिया का गाओं
तो ऐसा लतचका मेरा पावं
की घुँगरू टूट गये, की घुँगरू टूट गये, की घुँगरू टूट गये,
की घुँगरू टूट गये
मोहे आई ना जुग से लाज
मैं इतना ज़ोर से नाची आज, की घुँगरू टूट गये
की घुँगरू टूट गये, की घुँगरू टूट गये, की घुँगरू टूट गये,
की घुँगरू टूट गये

One of my favorite songs.

3 comments:

I am said...

beautiful shot :)

Diana Sahu said...

This is Odissi....beautiful

Kshitiz Anand said...

Thanks Tanu!
Yes is it Diana! Thanks for stopping by! :)